चंदा कोचर पर कथित रूप से इसी साल मार्च में अपने पति को आर्थिक फ़ायदा
पहुंचाने के लिए अपने पद के दुरुपयोग का आरोप लगाया गया था. मीडिया
रिपोर्ट्स में बताया गया कि आईसीआईसीआई बैंक ने वीडियोकोन समूह को 3,250
करोड़ रुपये का लोन मुहैया कराया था.
अख़बार इंडियन एक्सप्रेस ने
मार्च में दावा किया था कि वीडियोकॉन ग्रुप की पांच कंपनियों को आईसीआईसीआई
बैंक ने अप्रैल 2012 में 3250 करोड़ रुपये का लोन दिया.
ग्रुप ने इस लोन में से 86% यानी 2810 करोड़ रुपये नहीं चुकाए. 2017 में इस लोन को एनपीए (नॉन परफॉर्मिंग असेट्स) में डाल दिया गया.
अख़बार के मुताबिक वीडियोकॉन समूह के चेयरमैन वेणुगोपाल धूत के कोचर के पति दीपक कोचर के साथ व्यापारिक संबंध थे.
वीडियोकॉन ग्रुप की मदद से बनी एक कंपनी बाद में चंदा कोचर के पति दीपक कोचर की अगुवाई वाली पिनैकल एनर्जी ट्रस्ट के नाम कर दी गई.
यह
आरोप लगाया गया कि धूत ने दीपक कोचर की सह स्वामित्व वाली इसी कंपनी के
ज़रिए लोन का एक बड़ा हिस्सा स्थानांतरित किया था. आरोप है कि 94.99 फ़ीसदी
होल्डिंग वाले ये शेयर्स महज 9 लाख रुपये में ट्रांसफ़र कर दिए गए.
मीडिया ने इस मामले को एक अनाम व्हिसल ब्लोअर की शिकायत के बाद उजागर
किया. व्हिसल ब्लोअर ने प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री को लिखे पत्र में
कोचर के कथित अनुचित व्यवहार और हितों के टकराव के बारे में लिखा था.
बैंक
ने शुरुआत में कोचर के ख़िलाफ़ मामले को आनन-फानन में रफा-दफ़ा करने की कोशिश की, लेकिन बाद में लोगों और नियामक के लगातार दबाव के चलते पूरे
मामले की जांच के आदेश देने पड़े.
आईसीआईसीआई बैंक ने स्वतंत्र जांच
कराने का फ़ैसला लिया. बैंक ने 30 मई को घोषणा की थी कि बोर्ड व्हिसल
ब्लोअर के आरोपों की 'विस्तृत जांच' करेगा.
फिर इस मामले की
स्वतंत्र जांच की ज़िम्मेदारी सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज बी. एन.
श्रीकृष्णा को सौंपी गई. सीबीआई, ईडी और एसएफ़आईओ भी इसकी जांच कर रही हैं.
जून में, चंदा कोचर ने छुट्टी पर जाने का निर्णय लिया था. उसके बाद संदीप बख्शी को 19 जून को बैंक का सीओओ बनाया गया था.
इससे
पहले संदीप आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल के एमडी-सीईओ थे. आईसीआईसीआई के जनरल
इंश्योरेंस बिजनेस को खड़ा करने का श्रेय बख्शी को ही जाता है.
गुरुवार को आईसीआईसीआई बैंक ने चंदा कोचर के इस्तीफ़े के बाद संदीप बख्शी को अब नया पूर्णकालिक सीईओ और एमडी नियुक्त किया है.
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