Friday, July 5, 2019

कश्मीर में सरकार की चरमपंथियों के साथ चाय पर चर्चा?

विश्व कप का पहला सेमीफ़ाइनल मैच 9 जुलाई को मैनचेस्टर के ओल्ड ट्रेफ़र्ड मैदान में दोपहर तीन बजे से खेला जाएगा जबकि दूसरा सेमीफ़ाइनल मैच बर्मिंघम के एज़बेस्टन मैदान में खेला जाएगा. दूसरे सेमीफ़ाइनल की एक टीम तय हो चुकी है. वह है मेज़बान इंग्लैंड.
वहीं विश्व कप का फ़ाइनल मुक़ाबला लंदन के लॉर्ड्स मैदान में 14 जुलाई को खेला जाएगा.
गृहमंत्री अमित शाह ने लोकसभा और राज्यसभा में भाषण देते हुए कश्मीर का उल्लेख किया है जो कि मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल की कश्मीर नीति को स्पष्ट करता है.
मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में कश्मीर नीति में कई तरह के ऊहापोह दिखे थे.
हालांकि, इस भाषण के बाद लगता है कि नई सरकार एक नई नीति के साथ कश्मीर मुद्दे पर ध्यान देगी.
मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में कश्मीर को लेकर एक उचित और ठोस नीति सामने नहीं आई. इसकी एक वजह ये भी थी कि पीडीपी और बीजेपी के राजनीतिक हित अलग-अलग रहे.
बीजेपी-पीडीपी गठबंधन में एक पार्टी कश्मीर नीति को नरम अलगाववाद की ओर खींच रही थी.
वहीं, दूसरी पार्टी किसी भी तरह के समझौते के लिए तैयार नहीं थी और चरमपंथ, अलगाववाद के प्रति कठोर रुख़ को ही एकमात्र विकल्प माना.
इसका नतीजा ये हुआ कि दोनों में से एक भी नीति ठीक ढंग से लागू नहीं की गई. दोनों पार्टियों के रुख़ में जारी विरोधाभास ने कश्मीर को अंधकार की ओर धकेल दिया.
लेकिन अमित शाह का भाषण कश्मीर पर बीजेपी की नई नीति के बारे में बताता है.
इस नीति के दो तीन पहलू साफ़ हैं. पहला पहलू ये है कि कश्मीर में चरमपंथ के ख़िलाफ़ ऑपरेशन ऑल आउट जारी रहेगा.
दूसरा पहलू ये है कि चरमपंथियों के ख़िलाफ़ सशस्त्र बलों का काइनेटिक ऑपरेशन जारी रहेगा.
इसके साथ ही एनआइए हुर्रियत समेत दूसरे अलगाववादी संगठनों के ख़िलाफ़ अपनी जांच जारी रखेगी ताकि चरमपंथियों को मिलने वाला आर्थिक, लॉजिस्टिकल और वैचारिक समर्थन कम हो सके.
लेकिन अमित शाह के भाषण में अटल बिहारी वाजपेयी के नारे कश्मीरियत, जम्हूरियत और इंसानियत का प्रयोग करना सबसे चौंकाने वाली बात थी.
राजनीतिक दलों और तमाम दूसरे पक्षों ने समय-समय पर कश्मीर को लेकर वाजपेयी की नीति को सराहा है.
हालांकि, अब ऐसा लगता है कि वाजपेयी का तरीक़ा वर्तमान सरकार की कश्मीर नीति के लिए एक जुमले की तरह हो गया है.
गृह मंत्री की कश्मीरियत, जम्हूरियत और इंसानियत की परिभाषा अटल बिहारी वाजपेयी की कड़ी मेहनत से बातचीत के रास्ते से विवाद का हल निकालने की नीति से बिलकुल अलग है.
गृह मंत्री ने अपने भाषण में साफ़ किया है कि अलगाववादियों से किसी तरह की बातचीत नहीं हो सकती.
अपनी हालिया कश्मीर यात्रा में उन्होंने क्षेत्रीय पार्टियों जैसे नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीडीपी से मिलना भी ठीक नहीं समझा.
गृह मंत्री के भाषण को सुनकर ऐसा लगता है कि केंद्र सरकार ने कश्मीर में अच्छे, बुरे और ख़राब तत्वों की पहचान कर ली है.
इसमें से सबसे ख़राब लोगों से ऑपरेशन ऑल आउट निपटेगा और एनआइए की जांच जारी रहेगी.
इसके बाद बुरे लोगों पर दबाव डाला जाएगा, उन्हें मनाया जाएगा और अच्छाई की ओर जाने वाले रास्ते से भटकने पर सज़ा भी दी जाएगी.
इसके साथ ही अच्छे लोगों को विकास योजनाओं से लाभान्वित किया जाएगा.
शाह ने अपनी स्पीच में संकेत दिए हैं कि सरकार विकास और प्रशासन के लिए विशेष क़दम उठाना चाहती है.
इस बात की अपेक्षा करना समझदारी नहीं होगी कि चरमपंथियों और अलगाववादियों के प्रति कठोर रुख़ अपनाने से जम्मू-कश्मीर में दीर्घकालिक शांति आएगी.
लेकिन ऐसा लगता है कि नई सरकार कश्मीर को लेकर अपने पहले कार्यकाल की तुलना में बेहतर नीति के साथ आगे बढ़ना चाहती है.
हालांकि, कश्मीर में बीते कुछ सालों में ज़मीनी स्थितियां बहुत तेजी से बदल गई हैं.

Tuesday, July 2, 2019

加纳每年因“赛科”捕捞损失千万美元

拖网渔船非法捕捞对加纳渔业造成了破坏捕捞,让已经面临过度捕捞困扰的加纳渔业几近崩溃。近日发布的一项最新研究首次对这一现象造成的代价进行了量化。
总部位于伦敦的环境正义基金会(EJF)早前曾估计,2017年,“赛科”(saiko)捕捞——即工业拖网渔船将捕捞到的渔获转运至特制的小船上的做法——渔获总量达到了10万吨左右。
环境正义基金会利用新数据计算发现,这些渔获的海上价值约为4100万到5100万美元。报告称,这些钱相当大一部分都直接流入了以中国公司占绝大多数的渔业公司手中。而这些鱼到港后的售价则达到了5300万到8100万美元,盈利空间高达1200万到3000万美元。
2017年加纳的工业捕捞总量为16.7万吨,其中赛科捕捞占到了10万吨。也就是说,工业拖网渔船的上岸渔获中只有四成是合法的。此外,工业拖网渔船上岸渔获的估计值与(小型)手工渔业捕捞的规模相当,是2014年渔业管理规划中设定的目标(1.85万吨)的9倍之多。
总而言之,上述数据说明,工业拖网渔船对加纳海洋渔业资源的影响是被严重低估的。
加纳非政府组织
 负责人科菲·阿格伯伽也参与了这份报告的撰写。他表示:“‘赛科’捕鱼已经对加纳渔业产生了致命的影响。过去10到15年间,小型渔船的收入已经下降了40%。迫于无奈,如今加纳国内消费的鱼产品中有一多半是进口的。众所周知,即便是采用了最先进的系统,也很难对海上转运进行监控。所以,应该要求所有渔获产品都卸载到授权港口,并记入官方统计数据。”
环境正义基金会(EJF)执行董事史蒂夫·特伦特表示:“‘赛科’捕鱼导致加纳的主要渔业资源快速陷入困境,而当地民众也因此面临贫困和饥饿的双重威胁。这是一场人为的生态危机,当地民众因此被剥夺了生计,深陷收入和粮食安全困境。”
“但是目前可以明确的是,加纳政府目前其实是有能力遏制这项具有极大破坏性的非法活动的。同样明确的是,要避免加纳渔业出现下滑或崩溃,政府必须立刻行动起来。”

上世纪70年代,日本渔民用“さいてい(最低)”这个词来形容被拖网渔船丢弃的“不好的/垃圾”鱼。但是加纳当地居民认为这些顺道捕获的鱼类还是有价值的,所以坚持称之为“赛科”(saiko),意思就是“好的/有用的”鱼。
“赛科”起初只是一种非正式的贸易模式:工业捕捞船将在海上将捕捞到的不想要的渔获贩卖给小渔船上的小贩,用来换取其他一些东西,但是之后却慢慢演变成了一种利润丰厚、高度组织化的非法行业。工业拖网渔船本来只获准捕捞底栖鱼类,但是现在也开始为了“赛科”贸易,专门捕捞沙丁鱼和鲭鱼等小型中上层鱼类。这类鱼在当地消费量很高,而且已经被捕捞到处于生态崩溃的边缘。转运完成后,商贩会将冻成一块块的“赛科”鱼售卖给当地人。
报告称:“通过‘赛科’贸易,工业拖网渔船实际上偷走了属于小型渔船的渔业资源,然后再卖给当地人从中牟利。”
专家警告称,“赛科”渔业会加剧过度捕捞和加纳近海渔业的快速衰败,而近海渔业是200多万当地人赖以为生的一项产业。加纳法律禁止“赛科”捕鱼,违者可能会被处以10万到200万美元的罚款。但是,近来却有人提议在加以监管的情况下,将其合法化。