इमरान ख़ान ने अलजज़ीरा से कहा, "मुझे ख़ुशी होती है जब वे मुझे यू टर्न वाला प्रधानमंत्री कहते हैं. केवल मूर्ख लोग ही यू टर्न नहीं लेते. केवल
एक मूर्ख ही रास्ते में आई दीवार पर सिर पटकता रहता है. एक बुद्धिमान
व्यक्ति अपनी रणनीति को तुरंत सुधार लेता है."
लेकिन क्या उनके यू टर्न का देश पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा?
इमरान
ख़ान से जब पूछा गया कि परमाणु हथियार संपन्न दो पड़ोसी देशों के बीच किसी
बड़े संघर्ष का ख़तरा मौजूद है, उनका कहना था कि वो निश्चित रूप से मानते हैं कि भारत के साथ युद्ध की संभावना है.
इमरान ख़ान ने कहा कि
कश्मीर से अनुच्छेद 370 निष्प्रभावी किए जाने के बाद भारत से बातचीत का
सवाल ही पैदा नहीं होता है. भारत अगर कश्मीर पर बातचीत नहीं करता है तो
पाकिस्तान क्या करेगा?
इस सवाल के जवाब में इमरान ख़ान ने कहा, ''दूसरे विश्व युद्ध के बाद संयुक्त राष्ट्र बना और हमने यहीं कश्मीर के
मुद्दे को उठाया है और उम्मीद है कि कुछ न कुछ समाधान निकलेगा. हम दुनिया
के सभी ताक़तवर देशों से संपर्क कर रहे हैं. अगर कश्मीर का मुद्दा नहीं
सुलझा तो इसका असर पूरी दुनिया पर पड़ेगा. जिन देशों को भारत बड़ा बाज़ार
दिख रहा है और वो व्यापार के हिसाब से सोच रहे हैं, उन्हें इस बात का अहसास नहीं है कि अगर वो हस्तक्षेप नहीं करेंगे तो इसका असर न केवल भारतीय
उपमहाद्वीप पर पड़ेगा बल्कि पूरी दुनिया इससे प्रभावित होगी.''
अफ़ग़ानिस्तान में तालिबान और अमरी
मोनिशा अजगावकर भारत की मशहूर समलैंगिक 'वेडिंग फोटोग्राफ़र' हैं. कुछ
लोग उनकी गिनती भारत के बेहतरीन 'वेडिंग फोटोग्राफ़र्स' में करते हैं.
मुंबई में पली बढ़ी 30 साल की मोनिशा अजगावकर जब जेजे स्कूल ऑफ़ आर्ट्स में पढ़ाई कर रही थीं तभी उन्हें एहसास हो गया था कि वो समलैंगिक हैं.
केवल कुछ क़रीबी लोग मोनिशा के इस राज़ को जानते थे. चार साल पहले जब उनके समलैंगिक होने का ज़िक्र कहीं छपा तो उनके परिवार को इसके बारे में पता चला. तब से वो अकेली ही रहती हैं. परिवार से कोई बातचीत नहीं.
हाल ही में मोनिशा अजगावकर ने कम्युनिटी के लोगों, जो अब तक सामने नहीं आए हैं और असमंजस से जूझ रहे हैं, के लिए एक फोटो सीरीज़ 'ब्लॉसम'
बनाई जो दुनिया भर में बहुत पसंद की गई.
मोनिशा कहती हैं, "मुझे इस कॉन्सेप्ट का ख्याल जून में मनाए जाने वाले
प्राइड मंथ के दौरान आया जब मैं दुनिया भर से समुदाय के लोगों के साथ
हो रहे दुर्व्यवहार की ख़बरें सुन रही थी."
भावुक हुई मोनिशा आगे कहती हैं, "ऐसा नहीं है कि किसी ट्रांसजेंडर ने
खुदकुशी कर ली हो बल्कि लोग उनके घरों में जाकर उन्हें जान से मार रहे थे. करीबन 12 से 15 ख़बरें उस दौरान मैंने पढ़ी जिसने मुझे हिला कर रख दिया. तब
मैंने अपने काम के ज़रिए ट्रांसजेंडर लोगों के लिए कुछ करने की ठानी. और
इस कॉन्सेप्ट के बारे में सोचा. मैं चाहती हूं कि लोग अपने बारे में
सुरक्षित महसूस करें, अपने शरीर से प्यार करें और अपने बारे में खूबसूरत
महसूस करें."
का के बीच शांति वार्ता टूटने के सवाल पर एक दिन पहले रशिया टुडे से साक्षात्कार में इमरान ख़ान ने इस बात से इनकार किया कि पाकिस्तान चरमपंथी संगठनों को इसलिए शह देता है ताकि पश्चिम देशों से उसे सहायता के नाम पर फ़ंड मिल सके.
उन्होंने
कहा, ''जब अमरीका के नेतृत्व में पाकिस्तान ने चरमपंथ के ख़िलाफ़ लड़ाई
में हिस्सा लिया तो उसके 70,000 लोग मारे गए और इस दौरान क़रीब 100 अरब डॉलर का नुक़सान हुआ जबकि अधिक से अधिक हमें 20 से 30 अरब डॉलर की सहायता
मिली.''
उन्होंने कहा, "इस युद्ध में पाकिस्तान को जितना जानमाल का
नुक़सान हुआ. उतना नुक़सान किसी और देश को नहीं उठाना पड़ा. जहां तक तालिबान की बात है इस समय पाकिस्तान की भूमिका अफ़ग़ानिस्तान में शांति
स्थापित करने की है. दुर्भाग्य है कि हमारी सरकारों ने अफ़ग़ानिस्तान के
युद्ध में हिस्सा लिया, जो कि हमारा युद्ध नहीं था. मैं इसकी मुख़ालफ़त
करता रहा हूं कि जब 9/11 में हमारी कोई भूमिका नहीं है तो हम क्यों ये युद्ध लड़ रहे हैं."