Friday, November 22, 2019

12 और कंपनियों की हिस्सेदारी बेचेगी सरकार?

नवभारत टाइम्स में छपी ख़बर के अनुसार केंद्र सरकार बीपीसीएल और शिपिंग कॉर्पोरशन समेत पांच पब्लिक सेक्टर यूनिट्स में विनिवेश के बाद 12 अन्य सरकारी कंपनियों की हिस्सेदारी बेचे की तैयारी में है.
इन कंपनियों में गेल (गैस अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया लिमिटेड), नाल्को (नेशनल एल्युमिनियम कंपनी लिमिटेड) , इंडियन ऑयल, एनटीपीसी और भारत इलेक्ट्रॉनिक लिमिटेड जैसी नामी शामिल हैं.
अख़बार सूत्रों के हवाले से लिखता है कि सरकार इसमें अपनी हिस्सेदारी 51% तक कम कर सकती है.
रिपोर्ट के अनुसार इन कंपनियों के विनिवेश का ऐलान दिसंबर-जनवरी में किया जा सकता है.
अमर उजाला में ख़बर है कि भारतीय नौसेना को जल्दी ही पहली महिला पायलट मिल जाएगी.
सब लेफ़्टिनेंट शिवानी नेवी के लिए फ़िक्स्ड विंग ड्रोनियर सर्विंलांस प्लेन उड़ाएंगी. ड्रोनियर 228 प्लेन को हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) ने तैयार किया है. इसे कम दूरी के समुद्री मिशन पर भेजा जाता है.
यह अडवांस सर्विलांस रेडार, इलेक्ट्रॉनिक सेंसर और नेटवर्किंग जैसी कई ख़ूबियों से लैस है. इसी विमान प्लेन शिवानी भारतीय समुद्र क्षेत्र पर निगरानी रखेंगी.
भारतीय नौसेना में महिला पायलट के तौर पर करने जा रही शिवानी की पोस्टिंग कोच्चि में होगी.
टेस्ट मैचों को क्रिकेट का सबसे 'एलीट' रूप माना जाता है. लोग टेस्ट मैचों को पारंपरिक, ओल्ड-फ़ैशन्ड और असली क्रिकेट मानते हैं. टेस्ट मैच यानी खिलाड़ियों की सफ़ेद ड्रेस, लाल रंग की बॉल और पांच दिन चलने वाला गेम.
विशेषज्ञ भी मानते हैं कि असली क्रिकेट तो टेस्ट क्रिकेट ही है. बल्लेबाजों और गेंदबाजों दोनों का असली दमखम भी टेस्ट मैच में उनके प्रदर्शन को देखने के बाद ही पता चलता है.
हालांकि असली क्रिकेट माने जाने के बावजूद टेस्ट क्रिकेट के सामने कई चुनौतियां सामने आने लगीं. इसकी बड़ी वजह थी वन डे और टी-20 मैचों की बढ़ती लो
वैसे तो टेस्ट मैच आमतौर पर रेड यानी लाल गेंद से खेले जाते हैं लेकिन डे-नाइट टेस्ट मैचों में गेंद का रंग बदलकर गुलाबी हो जाता है.
ऐसा इसलिए क्योंकि डे-नाइट मैचों में प्राकतिक रोशनी की जगह कृत्रिम रोशनी का सहारा लेना पड़ता है और इसीलिए पिंक बॉल का इस्तेमाल किया जाता है.
फ़्लडलाइट में बैट्समैन के लिए रेड बॉल को देखना मुश्किल होता है जबकि पिंक बॉल आसानी से देखी जाती है. यही वजह है कि डे-नाइट टेस्ट मैचों के लिए पिंक बॉल का इस्तेमाल किया जाता है.
ये पहला मौका है जब भारत में किसी अंतरराष्ट्रीय मैच में पिंक बॉल का इस्तेमाल किया जा जाएगा. ऐसे में पिंक बॉल और क्रिकेट से जुड़े कई दिलचस्प सवाल भी उठ रहे हैं.
बीबीसी ने क्रिकेट के जानकारों से बात की और मैच में पिंक बॉल की भूमिका और डे-नाइट मैच से जुड़े कुछ सवाल पूछे.
कप्रियता.
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैचों में 1970 से वनडे मैच शुरू हए और 2000 के बाद टी-20 मैच. टी-20 मैच तो आने के बाद तुरंत ही लोकप्रिय हो गया था.
इन सबके बाद हाल ही में T10 और 100-बॉल क्रिकेट ने टेस्ट क्रिकेट के सामने और चुनौतियां खड़ी कर दीं. भारत जैसे देशों में टेस्ट मैचों के दर्शक भी कम होने लगे.
वक़्त के साथ-साथ क्रिकेट भी बदल गया है. 2015 से डे-नाइट मैच खेले जाने लगे. पहला डे-नाइट मैच एडिलेड के ओवल में न्यूज़ीलैंड और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेला गया था. इसमें न्यूज़ीलैंड ने तीन विकेट से जीत हासिल की थी. तब से लेकर अब तक कुल 11 डे-नाइट मैच खेले जा चुके हैं.
भारत अपना पहला डे-नाइट टेस्ट मैच शुक्रवार को कोलकाता के इडेग-गार्डेड स्टेडियम में खेलेगा. ये मैच बांग्लादेश के साथ चल रही टेस्ट सिरीज़ का हिस्सा है.
ये मैच शुक्रवार को दोपहर एक बजे शुरू होगा. डे-नाइट टेस्ट मैचों की एक ख़ास बात ये भी होती है कि ये पिंक यानी गुलाबी बॉल से खेले जाते हैं.